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Showing posts from October, 2012

बीते पल, बीते लम्हे

कुछ पल, कुछ लम्हे दिल को, जो छु जाते है और बीत जाने के बाद,  मन के किसी कोने में, तस्वीर की तरह सज जाते है... और फिर  खाली    बैठे,  अन्गिनात बार, याद बन के,   दबे पाँव  वो  आते है...  आँखों में  आसू ,  तो कभी,चहरे पे एक नटखट  मुस्कान छोड़ जाते है...  कभी  झगड़े की झनझनाहट, तो  कभी  ठहाको की  गर्गाराहट ,  घर के इस सन्नाटे में आज,  भी मुझे सुनाई देती है...  पर आज न जाने किस की तलाश में, उन से इतना दूर आ गई हु,  की वापस लौटने की राह ही, धुंधली पड़ गई है...  और  वो पल, वो लम्हे, मन के किसी कोने में, तस्वीर की तरह सज  के रह गए है...