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Showing posts from January, 2014

एकांत

दिल है.… ये केवल धड़कता ही नहीं है, किसी अपने की तलाश में तड़पता भी है ये.… किसी से मिलने कि आस में मचलता भी है ये..... दिल है.… ये केवल धड़कता ही नहीं है, सचाई की तलाश में भटकता भी है ये..... किसी के धोखे से बिखरता भी है ये..... दिल है.… ये केवल धड़कता ही नहीं है, अन्याय को देख चीख़ता भी है ये..... अपने हक़ के लिए लड़ जाने को उत्तेजित होता भी है ये.… दिल है.… ये केवल धड़कता ही नहीं है, हसता भी है ये, रोता भी है ये, हर दिन हर पल चुप है,  पर बहुत कुछ कहता भी है ये.....