माँ तुझे कैसे कहुँ शुक्रिया, शुक्रिया का मतलब जहाँ खत्म होता है , वहाँ से तो तेरा-मेरा रिश्ता शुरू होता है ... तूने हाथ थाम के चलना सिखाया , और जो हाथ तूने थामा , उसकी पकड़ इतनी मज़बूत थी , कि उसने हर ग़लत राह से मुझे बचाया .... माँ तुझे कैसे कहुँ शुक्रिया, पूरे जहां में एक तू ही तो है , जो मुझे पूरे दिल और जान से केवल इसलिए प्यार करती है क्योंकि मै - मै हुँ ना की क्योंकि ,मै कैसी इंसान हुँ ... माँ तुझे कैसे कहुँ शुक्रिया , तू ही तो है जिसने मेरे हर सपने को अपना बना लिया , तू ही तो है जिसने मेरी ज़िंदगी को अपनी बना लिया .... माँ तुझे कैसे कहुँ शुक्रिया , शुक्रिया का मतलब जहाँ खत्म होता है , वहाँ से तो तेरा-मेरा रिश्ता शुरू होता है ...