किरदार तो वही है ,
पर कहानी कुछ नई है ...
जज़्बात तो वही है ,
पर माहोल कुछ नऐ है ...
मन का मन से रिश्ता तो वही सुहाना है ,
बस एक छोटी सी हिच्कि जो ये आई है ,
विश्वास के पानी से इसको तो घुल ही जाना है ,
दिल से दिल ने ख़ामोशी में वादा यही कीया है....
हिच्कि का वैसे भी ये किस्सा पुराना है ,
बीते पल की याद के आगे ,
उसको तो गुम हो ही जाना है ...
पर कहानी कुछ नई है ...
जज़्बात तो वही है ,
पर माहोल कुछ नऐ है ...
मन का मन से रिश्ता तो वही सुहाना है ,
बस एक छोटी सी हिच्कि जो ये आई है ,
विश्वास के पानी से इसको तो घुल ही जाना है ,
दिल से दिल ने ख़ामोशी में वादा यही कीया है....
हिच्कि का वैसे भी ये किस्सा पुराना है ,
बीते पल की याद के आगे ,
उसको तो गुम हो ही जाना है ...
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